सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है…” राहत इंदौरी की दर्द भरी शायरियाँ कुछ इस प्रकार हैं – ज़ख़्म ही तेरा मुक़द्दर हैं दिल तुझ को कौन सँभालेगा जहां https://youtu.be/Lug0ffByUck