श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥ शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला. स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥ शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - https://shiv-chalisa-lyrics-pdf60199.blogvivi.com/30326230/not-known-factual-statements-about-shiv-chalisa-lyrics-english